मां की इच्छा से बेटी ने किया अंतिम संस्कार, बेटा अस्थियां चुराकर ले गया...... कोरबा छत्तीसगढ़ से सिमरन कौर

मां की इच्छा से बेटी ने किया अंतिम संस्कार, बेटा अस्थियां चुराकर ले गय
May 16, 2020
 
बिलासपुर में एक अनोखी चोरी हुई। चोर सामान नहीं बल्कि श्मशान घाट से अस्थि चुरा कर ले गए। अस्थियां चुराने वाला कोई और नहीं बेटा ही है। यह आरोप उसकी सगी बहन का है। मां की अंतिम इच्छा के अनुसार बेटी ने उसका अंतिम संस्कार किया। बेटा श्मशानगृह से उसकी अस्थियां चुरा ले गया। वापस दिलाने की मांग को लेकर बेटी थाने गई। पुलिस ने पारिवारिक हल निकालने के लिए कहकर वापस भेज दिया। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। व्यापार विहार क्षेत्र के 25 बंगला में रहने वाली शीला शुक्ला के साथ ही उनकी 90 वर्षीय मां 90 साल की बुजुर्ग रितिका नर्मदा बाई मिश्रा रहती थीं। करीब 30 साल से शीला मां की सेवा कर रही थी। मां की अंतिम इच्छा थी कि उसकी मृत्यु के पश्चात उसे मुखाग्नि देने का अधिकार भी बेटी शीला शुक्ला को ही मिले। अंत्येष्टि के बाद तर्पण पिंडदान व अस्थि प्रवाहित करने की जिम्मेदारी भी ने अपनी बेटी शीला शुक्ला को ही सौंपी थी। 13 मई को रितिका नर्मदा बाई मिश्रा का देहांत हो गया। मां की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए शीला ने भारतीय नगर श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया और मुखाग्नि भी दी। अगले दिन वह बेटे के साथ श्मशान घाट पहुंची तो पता चला कि उनका भाई चंद्रशेखर मिश्रा अपने बेटे शशांक शेखर मिश्रा के साथ पहुंचकर मां की अस्थियां लेकर जा चुका है। शीला ने शुक्रवार को सिविल लाइन थाने पहुंचकर अस्थि वापस देने की गुहार लगाई। पुलिस पशोपेश में है। थाने में बात नहीं बनते देख शीला विधायक शैलेश पांडे के पास पहुंची और मां के अस्थि कलश दिलाने की मांग की। बिलासपुर विधायक ने भी पूरी मदद का भरोसा दिलाया है। इधर, मामले में दखल देते हुए सिविल लाइन पुलिस ने अस्थि कलश को कस्टडी में ले लिया है। अब तक दोनों पक्षों में से किसी को भी अस्थियां सौंपी नहीं गई हैं।
सिविल कोर्ट में लाया जा सकता है मामला-कानूनविद
कानूनविद अजय अयाची के अनुसार ऐसे मामलों में पुलिस और कानून बहुत कुछ नहीं कर सकती, लिहाजा इस मामले में परिवार व समाज के लोगों को मिलकर रास्ता निकालना होगा। सिविल कोर्ट ने इस मामले को लाया जा सकता है।
मैं होशों हवास में लिख रही हूं…
मैं श्रीमति नर्मदा बाई पति स्वर्गीय ननकी प्रसाद मिश्रा जो मैं अपनी छोटी पुत्री शीला(गुड़िया) के निवास स्थान 25 बंगला व्यापार विहार रोड में विगत सालों से निवासरत हूं। मेरा प्रत्येक कार्य पालन पाेषण एवं चिकित्सा समस्त कार्य व देखभाल मेरी छोटी पुत्री शीला मिश्रा ही करती आ रही है। मैं अपने दोनों बेटों के घर शेखर प्रसाद मिश्रा और रामेश्वर प्रसाद मिश्रा निवासरत नहीं रही हूं। मेरी छोटी पुत्री ही समस्त जिम्मेदारी को कर्तव्यपरायणपूर्वक की जिसे मैं दो गवाहों के समक्ष निष्पादित करती हूं। मेरी अंतिम इच्छा है कि मेरी मृत्यु के बाद मेरी शवयात्रा एवं दाह संस्कार एवं सारे सामाजिक काम मेरी छोटी पुत्री शीला ही करे। मैं इस वसीयत के जरिए उसे इस बात का अधिकार दे रही हूं। यदि इस बीच मेरे बेटे किसी भी तरह से कोई आपत्ति करते हैं तो इसे आधारहीन समझा जाए। इससे पहले भी मैंने 23 मार्च 2020 को नोटरी महोदय के समक्ष यह बात कही है। मैं यह बात पूरे होश में लिख रही हूं।
पुलिस ने दोनों पक्षों को दी समझाइश
टीआई परिवेश तिवारी के अनुसार पुलिस की कोशिश है कि भाई और बहन बैठकर आपस में बैठकर हल निकाल लें और आपसी सहमति बनाकर संयुक्त रूप से मां अस्थियों का तर्पण पिंडदान करें। उन्होंने दोनों से कहा है कि इस मामले में पुलिस दखल नहीं दे सकती इसलिए यदि दोनों के बीच में किसी तरह की सहमति न बने तो कोर्ट चले जाएं। शांति भंग होने की आशंका पर दोनों पक्षों के खिलाफ पुलिस प्रतिबंधित कार्रवाई भी की है।


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