केंद्र की मंजूरी के बाद Corona मरीजों का भोपाल में होम्योपैथी पद्धति से इलाज शुरू..... 

केंद्र की मंजूरी के बाद Corona मरीजों का भोपाल में होम्योपैथी पद्धति से इलाज शुरू.....


राजधानी भोपाल में कोरोना का संक्रमण ग्राफ बढ़ता जा रहा है. प्रशासन अपनी नज़र कोरोना मरीजों के साथ-साथ संदिग्धों पर भी गड़ाए हुए है. ऐसे में केंद्र सरकार के निर्देश पर पहली बार कोरोना के पॉजीटिव मरीजों  का होम्योपैथी  पद्धति से इलाज करने की शुरूआत की गई है. कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच अब राजधानी में हल्के लक्षणों वाले कोरोना पॉजीटिव मरीजों का इलाज होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से किया जाएगा. इसके लिए भोपाल के शासकीय होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालय में 3 एसिम्टोमेटिक मरीजों को भर्ती किया गया है. ये मरीज जिन लोगों के संपर्क में आए लोगों का इतिहास खंगाला जा रहा है. मरीजों की बीमारी से जुड़ी हर बात को समझने के बाद उनका इलाज किया जा रहा है.
फिलहाल डॉक्टरों की टीम मरीजों में लक्षणों और बीमारियों के बारे में जानकारी जुटा रही है. मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने से पहले कलेक्टर, डीआईजी और एसडीएम ने यहाँ पहुंच कर कॉलेज प्रबंधन के अधिकारियों और डॉक्टरों के साथ मिलकर इन व्यवस्थाओं का जायजा लिया.


होम्योपैथी ट्रायल को मिली मंजूरी
होम्योपथी अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना के अति मंद लक्षणों वाले मरीजों को प्रचलित दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के अलावा लक्षणों के आधार पर होम्योपैथी दवाएं देकर उनकी निगरानी की जाएगी. स्वास्थ्य आयुक्त ने इस संबंध में आदेश जारी कर होम्योपैथी ट्रायल के लिए मंजूरी दी है. होम्योपैथी में इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है इसलिए मरीज से लक्षणों की पूरी जानकारी जुटाने के बाद ही इलाज किया जाएगा.


कोरोना से फर्स्ट स्टेज में लड़ने की है तैयारी
डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना के फर्स्ट स्टेज में ही इलाज कर कोरोना वायरस को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा. शासकीय होम्योपैथी अस्पताल की अधीक्षक डॉ.सुनीता तोमर का कहना है कि शासन से मिले निर्देशों के आधार पर एसिम्टोमेटिक पेशेंट्स का होम्योपैथिक ट्रीटमेंट शुरू कर किया गया है. मौजूदा ड्रग हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के अलावा होम्योपैथी से भी इलाज कर रिसर्च वर्क की शुरूआत कर दी गई है.
होम्योपैथिक पद्धति से इलाज का रिसर्च वर्क शुरू
होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालय में कोरोना के पॉजीटिव मरीजों के इलाज के लिए 20 प्रायवेट रूम में कुल 50 मरीजों को रखने की व्यवस्था की गई है. यदि जरूरत पड़ी तो और भी मरीज भर्ती किए जा सकते हैं. यहां पूरा इलाज होम्योपैथी डॉक्टरों द्वारा ही किया जाएगा. शासकीय होम्योपैथी अस्पताल की अधीक्षक डॉ.सुनीता तोमर ने बताया कि जीएमसी की एथिकल कमेटी से मंजूरी मिलने के बाद रिसर्च की तैयारी में अस्पताल प्रबंधन जुट गया है. केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से जारी हुई गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना मरीजों के होम्योपैथिक पद्धति से इलाज के रिसर्च को भी मंजूरी मिल गई है. इसके लिए गांधी मेडिकल कॉलेज की एथिकल कमेटी की मंजूरी मिलने के बाद इस संबंध में शोध शुरू कर दिया गया है.